वैष्णो देवी के पास दर्दनाक हादसा: भूस्खलन में 30 श्रद्धालुओं की मौत, रेस्क्यू जारी

भारी बारिश और भूस्खलन ने जम्मू-कश्मीर में कहर बरपा दिया है। वैष्णो देवी मंदिर के पास एक बड़े भूस्खलन में कम से कम 30 लोगों की मौत हो गई, जबकि कश्मीर घाटी में लगातार हो रही बारिश और अचानक आई बाढ़ ने बुनियादी ढांचे को गंभीर नुकसान पहुंचाया है।

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किश्तवाड़ में बादल फटने के कुछ दिन बाद नई त्रासदी

यह हादसा उस समय हुआ जब कुछ ही दिन पहले, 14 अगस्त को, किश्तवाड़ ज़िले के चिसोटी गांव, जो मचैल माता मंदिर जाने वाला अंतिम मोटरेबल गांव है, में बादल फटने से अचानक बाढ़ आ गई थी। उस हादसे में 65 लोगों की मौत हुई थी और 100 से ज्यादा लोग घायल हुए थे।

अर्धकुवारी के पास भूस्खलन

रीसी के SSP परमवीर सिंह के अनुसार, मंगलवार दोपहर करीब 3 बजे, वैष्णो देवी गुफा मंदिर की ओर जाने वाले मार्ग पर इंद्रप्रस्थ भोजनालय के पास अर्धकुवारी में यह भूस्खलन हुआ। हादसे के बाद प्रशासन ने श्रद्धालुओं की आवाजाही रोक दी है जब तक मौसम में सुधार नहीं होता।

रेलवे सेवाएं प्रभावित

मौसम की खराब स्थिति को देखते हुए नॉर्दर्न रेलवे ने बड़ा फैसला लिया है। बुधवार के लिए 22 ट्रेनों को रद्द कर दिया गया है, जबकि 27 ट्रेनों को बीच रास्ते से ही वापस लौटा दिया गया है। PRO, नॉर्दर्न रेलवे, जम्मू डिवीजन ने कहा कि यह कदम यात्रियों की सुरक्षा को ध्यान में रखकर उठाया गया है।
इनमें से 9 ट्रेनें कटरा से और 1 ट्रेन जम्मू से संचालित होनी थीं, जबकि बाकी ट्रेनों का शेड्यूल कटरा, जम्मू और उधमपुर के लिए था।
इसके अलावा पठानकोट से कंदरोरी (हिमाचल प्रदेश) तक ट्रेन सेवाएं भी मंगलवार से बंद कर दी गई हैं क्योंकि चक्‍की नदी के पास भारी मिट्टी के कटाव और फ्लैश फ्लड्स से ट्रैक क्षतिग्रस्त हो गया है।

मुख्यमंत्री की प्रतिक्रिया

जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री ओमर अब्दुल्ला ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से फोन पर बातचीत कर हालात की पूरी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि वे हालात पर करीबी नजर बनाए हुए हैं और राहत टीमों से लगातार संपर्क में हैं।
अब्दुल्ला ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा,

अभी-अभी गृह मंत्री से बात की है और जम्मू-कश्मीर, खासकर जम्मू डिवीजन की स्थिति की जानकारी दी है, जहां भारी और लगातार हो रही बारिश से सामान्य जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। फोन और इंटरनेट सेवाओं को जल्द से जल्द बहाल करने की कोशिश की जा रही है। जम्मू एयरपोर्ट बंद होने के कारण मैं और मेरे सहयोगी आज जम्मू नहीं पहुंच पाए, लेकिन कल सुबह पहली फ्लाइट से पहुंचने की कोशिश करूंगा।

3,500 से ज्यादा लोग सुरक्षित स्थानों पर भेजे गए

अधिकारियों के मुताबिक, जम्मू में 3,500 से ज्यादा लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया गया है और उन्हें राहत शिविरों में रखा गया है। मुठी और सतवारी में कम्युनिटी किचन से भोजन की व्यवस्था की गई है, जबकि राहत शिविरों में मेडिकल टीमों को तैनात किया गया है।
जम्मू के डिप्टी कमिश्नर राकेश मिंहास ने कहा,
“बिजली, पानी की आपूर्ति बहाल करना और हाईवे से मलबा हटाना हमारी प्राथमिकता है। हालात पर लगातार नजर रखी जा रही है और समय-समय पर अपडेट दिए जाएंगे।”

सेना और NDRF की तैनाती

भारतीय सेना ने राहत और बचाव कार्य के लिए तीन कॉलम तैनात किए हैं — एक अर्धकुवारी, दूसरा कटरा–ठाकरा कोट रोड और तीसरा जौरियां इलाके में।
साथ ही NDRF और SDRF की टीमें भी रीसी, डोडा, सांबा और जम्मू के सबसे ज्यादा प्रभावित इलाकों में फंसे लोगों को सुरक्षित निकालने में जुटी हैं।

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