TCS Layoffs पर बवाल: यूनियन का दावा – 30,000 कर्मचारियों की नौकरी खतरे में, कंपनी बोली- “सिर्फ 2% वर्कफोर्स प्रभावित”

TCS में छंटनी को लेकर हंगामा, यूनियन का दावा – 30,000 कर्मचारियों की नौकरियां खतरे में, कंपनी बोली – सिर्फ 2% स्टाफ प्रभावित।

Suraj Kumar
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टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) में कथित बड़े पैमाने पर छंटनी को लेकर मंगलवार को देशभर के कई शहरों में विरोध प्रदर्शन हुआ। यूनियन ऑफ आईटी एंड आईटीईएस एम्प्लॉइज (UNITE) ने कहा कि करीब 30,000 कर्मचारियों की नौकरियां दांव पर हैं, जबकि कंपनी का कहना है कि यह आंकड़ा गलत है और सिर्फ 2% यानी लगभग 12,000 कर्मचारियों पर ही असर पड़ेगा।

विरोध प्रदर्शन और यूनियन की मांग

New Indian Express की रिपोर्ट के मुताबिक, ये प्रदर्शन CITU (Centre of Indian Trade Unions) के समर्थन से किए गए। यूनियन नेताओं ने मांग की कि TCS अपने फैसले को वापस ले और सरकार तुरंत दखल दे। उनका कहना है कि असली संख्या कंपनी द्वारा बताए गए आंकड़ों से कहीं ज्यादा हो सकती है।

UNITE के जॉइंट सेक्रेटरी चंद्र शेखर आज़ाद ने The Hindu Business Line से कहा, “अब तक जिन कर्मचारियों को निकाला गया है, उनका एकमात्र कॉमन फैक्टर उनकी experience रही है। यहां तक कि बेहतरीन स्किल और लीडरशिप वाले कर्मचारियों को भी हटाया जा रहा है, जिससे टीमों में डर का माहौल है।”

यूनियन के जनरल सेक्रेटरी अलंगुनांबी वेल्किन ने बताया कि यूनियन के लगभग 300 सदस्य हैं, जिनमें 50-60 कर्मचारी TCS से हैं। उन्होंने कहा, “अगर सरकार ने दखल नहीं दिया तो हम इस कैंपेन को ग्लोबल लेवल पर ले जाएंगे और अंतरराष्ट्रीय ट्रेड संगठनों से सहयोग करेंगे।”

कर्मचारियों की शिकायतें

कुछ कर्मचारियों ने TCS के Siruseri कैंपस की स्थिति पर भी सवाल उठाए हैं। उनका आरोप है कि उन्हें ज़रूरी upskilling tools पर्सनल डिवाइस पर एक्सेस नहीं मिल पा रहे, जिसकी वजह से उन्हें काम के लिए वैकल्पिक डिवाइस का सहारा लेना पड़ रहा है। हालांकि, इन दावों की पुष्टि अभी नहीं हुई है।

कंपनी का बयान – “गलत और भ्रामक आरोप”

Business Line को दिए बयान में TCS ने यूनियन के सभी आरोपों को “गलत और भ्रामक” बताया। कंपनी ने कहा कि छंटनी का असर सिर्फ 2% वर्कफोर्स पर पड़ेगा। TCS के पास दुनिया भर में 6 लाख से ज्यादा कर्मचारी हैं और यह देश की सबसे बड़ी प्राइवेट कंपनियों में से एक है।

कंपनी ने साफ किया कि यह restructuring भविष्य के लिए एक future-ready organisation बनाने के लिए है, जिसमें cloud, AI और digital transformation पर फोकस किया जाएगा। साथ ही, प्रभावित कर्मचारियों को severance और transition support भी दिया जाएगा।

कर्नाटक में सरकारी हस्तक्षेप

Economic Times (ET) की रिपोर्ट के मुताबिक, कर्नाटक के लेबर डिपार्टमेंट के अधिकारियों से हुई बैठक में TCS के HR एग्जीक्यूटिव्स ने कहा कि उन्हें अभी तक यह नहीं पता कि किन-किन शहरों में कितने कर्मचारियों की छंटनी होगी।

बैठक में TCS की ओर से HR जनरल मैनेजर बोबन वर्गीज थॉमस और असिस्टेंट मैनेजर महेश जीके शामिल हुए। अधिकारियों ने यूनियन से कहा कि वे प्रभावित कर्मचारियों की शिकायतों की लिस्ट दें, ताकि उन पर कार्रवाई हो सके।

एक वरिष्ठ श्रम अधिकारी ने कहा, “कोई भी कंपनी जब ऐसा फैसला लेती है, तो उसे कर्मचारियों के बेसिक लेबर राइट्स का ध्यान रखना चाहिए। प्रोसेस फॉलो होना चाहिए और प्रभावित कर्मचारियों को उचित मुआवजा मिलना चाहिए।”

बैठक की अध्यक्षता एडिशनल लेबर कमिश्नर (इंडस्ट्रियल रिलेशंस) जी. मंजीनाथ ने की। यह मामला Industrial Disputes Act, 1947 के तहत देखा जा रहा है।

TCS की सफाई

कंपनी ने अधिकारियों को बताया कि अभी 2% ग्लोबल वर्कफोर्स (करीब 12,000 कर्मचारी) की प्लान्ड लेऑफ शुरू नहीं हुई है और न ही अभी तक यह तय हुआ है कि किन शहरों या देशों में कितने कर्मचारी प्रभावित होंगे।

TCS ने यह भी कहा कि वह KITU (Karnataka State IT/ITeS Employees Union) को आधिकारिक यूनियन के रूप में मान्यता नहीं देती। अधिकारियों ने जब पूछा कि क्या उनके पास कर्मचारियों की लिखित शिकायतें हैं, तो यूनियन केवल मीडिया रिपोर्ट्स का हवाला देती रही।

सरकार की नजर

MeitY (Ministry of Electronics and Information Technology) ने कहा कि सरकार हालात पर नज़र रखे हुए है। कर्नाटक में बड़ी संख्या में कर्मचारियों के काम करने के कारण वहां के लेबर डिपार्टमेंट ने सितंबर की शुरुआत में एक और बैठक बुलाने का फैसला लिया है। कंपनी के मुताबिक, अब तक किसी भी कर्मचारी ने व्यक्तिगत रूप से शिकायत दर्ज नहीं कराई है।

IT इंडस्ट्री में बदलाव की आहट

विशेषज्ञों का मानना है कि भारतीय IT सेक्टर product-aligned delivery models की तरफ शिफ्ट हो रहा है। Nasscom का कहना है कि इस बदलाव के चलते पारंपरिक भूमिकाओं का पुनर्गठन हो सकता है और कई कंपनियों में आंतरिक बदलाव देखने को मिल सकते हैं।

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