Jerome Powell ने दी सख्त चेतावनी, कहा- “Trump के दबाव में नहीं झुकेगा FED”

Jackson Hole Economic Policy Symposium में Jerome Powell ने साफ किया कि FED अपने फैसले सिर्फ आर्थिक डेटा और जोखिम के आधार पर लेगा, न कि Donald Trump के दबाव में। बढ़ती महंगाई, घटती खपत और बढ़ती बेरोजगारी के बीच सितंबर में रेट कट की संभावना अब भी अनिश्चित है।

Suraj Kumar
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अमेरिकी फेडरल रिजर्व (FED) के चेयरमैन Jerome Powell ने शुक्रवार को वार्षिक Jackson Hole Economic Policy Symposium में अहम भाषण दिया, जिसमें उन्होंने केंद्रीय बैंक की पॉलिसी फ्रेमवर्क को लेकर बड़ा बयान दिया।

Powell ने साफ कहा कि मौजूदा आर्थिक हालात में पॉलिसी में बदलाव की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता, लेकिन फैसले केवल आंकड़ों और आर्थिक परिदृश्यों के आधार पर लिए जाएंगे, किसी राजनीतिक दबाव में नहीं।

Trump के दबाव में नहीं झुकेगा FED

Powell ने कहा कि FED की प्राथमिकता 2% महंगाई दर बनाए रखना है, जो उनके “डुअल गोल” के अनुरूप है। उन्होंने साफ कर दिया कि Federal Open Market Committee (FOMC) के फैसले पूरी तरह डेटा और जोखिम के संतुलन पर आधारित होंगे, न कि Donald Trump की रेट कट की मांगों पर।

सितंबर में रेट कट की उम्मीद अभी साफ नहीं

Jackson Hole के बाद भले ही FED की पॉलिसी दिशा स्पष्ट हुई है, लेकिन सितंबर में रेट कट की संभावना अब भी अनिश्चित है। जुलाई की FOMC मीटिंग में भी फेडरल रेट्स को बिना बदलाव के रखा गया था, जिससे Trump भड़क गए थे।

Trump लगातार Powell पर दबाव बना रहे हैं, यहां तक कि उन्हें हटाने या FED बिल्डिंग के नवीनीकरण को लेकर मुकदमा करने की धमकी तक दे चुके हैं।

रेट कट की मांग के पीछे दो बड़ी वजहें

1. बढ़ता बजट घाटा और कर्ज

वित्त वर्ष 2025 (अक्टूबर 2024 से जुलाई 2025) के पहले 10 महीनों में फेडरल बजट घाटा $1.629 ट्रिलियन पहुंच गया है। सिर्फ जुलाई में ही घाटा $291 बिलियन रहा, जबकि टैरिफ से $28 बिलियन की अतिरिक्त आय हुई।
मौजूदा फेडरल रेट 4.25% से 4.50% के बीच है, जिससे कर्ज पर ब्याज का बोझ करीब $1 ट्रिलियन तक पहुंच गया है। अगर रेट में 1% की कटौती होती है, तो $360 बिलियन की बचत हो सकती है।

Trump के दावों के बावजूद, “One Big Beautiful Act” के चलते अमेरिकी कर्ज $37 ट्रिलियन के पार पहुंच चुका है, यानी हर दिन $22 बिलियन का नया कर्ज।

2. टैरिफ का अमेरिकी अर्थव्यवस्था पर असर

Trump के लगाए गए “reciprocal tariffs” अब अमेरिकी अर्थव्यवस्था को चोट पहुंचा रहे हैं – महंगाई बढ़ रही है, आय घट रही है, खपत और निवेश कम हो रहे हैं और बेरोजगारी बढ़ रही है।

महंगाई में तेज उछाल

जुलाई में CPI (Consumer Price Index) 2.7% तक पहुंच गया, जो जून से 0.2% ज्यादा है। वहीं, Core CPI 3.1% और PPI (Producer Price Index) 3.3% पर पहुंच गया, जो छह महीने का उच्चतम स्तर है।
FED के नियम के मुताबिक, 2% से ज्यादा महंगाई होने पर रेट बढ़ाना और कम होने पर घटाना जरूरी है। मौजूदा ट्रेंड को देखते हुए रेट कट की कोई गुंजाइश नहीं दिख रही।

टैरिफ का सीधा असर

अगस्त 2025 से 100 से ज्यादा ट्रेडिंग पार्टनर्स पर 15% से 50% तक के टैरिफ लागू किए गए हैं। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, उपभोक्ताओं पर मौजूदा औसत टैरिफ दर 18.3% है, जो 1934 के बाद सबसे ज्यादा है।

Goldman Sachs की रिपोर्ट बताती है कि सिर्फ 14% टैरिफ विदेशी एक्सपोर्टर्स देते हैं, जबकि 86% बोझ अमेरिकी उपभोक्ताओं और बिजनेस पर पड़ता है

  • अमेरिकी परिवारों पर औसतन $2400 का अतिरिक्त बोझ
  • कपड़ा और टेक्सटाइल में दाम 40% तक
  • जूते में दाम 38% तक बढ़ने की आशंका है।

कम होती खपत और निवेश

उच्च दाम और घटती आय के चलते खपत पर असर दिखने लगा है। 2025 की पहली तिमाही में पर्सनल कंजम्पशन एक्सपेंडिचर सिर्फ 0.1% बढ़ा।

Michigan University का कंज्यूमर कॉन्फिडेंस इंडेक्स भी जुलाई के 61.7 से गिरकर अगस्त में 58.6 पर आ गया है। उपभोक्ताओं की महंगाई की उम्मीदें भी 4.5% से बढ़कर 4.9% हो गई हैं।

मैन्युफैक्चरिंग पर गहरा असर

निवेश और उत्पादन में गिरावट जारी है।

  • दूसरी तिमाही में फिक्स्ड इन्वेस्टमेंट सिर्फ 0.4% बढ़ा।
  • US Congress Joint Economic Commission की रिपोर्ट बताती है कि “reciprocal tariff” से 2029 तक मैन्युफैक्चरिंग इन्वेस्टमेंट में 13% सालाना गिरावट, यानी कुल $490 बिलियन का नुकसान होगा।
  • अप्रैल के बाद से 37,000 नौकरियां कम हो चुकी हैं।
  • Chicago ISM PMI तीन महीने से लगातार गिरकर जुलाई में 48.0 पर आ गया है, जो कॉन्ट्रैक्शन जोन दर्शाता है।

बेरोजगारी और GDP पर असर

US Labor Statistics Bureau के आंकड़ों के मुताबिक, मई में सिर्फ 19,000, जून में 14,000 और जुलाई में 73,000 नई नौकरियां जुड़ीं। बेरोजगारी दर 0.1% बढ़कर जुलाई में 4.2% पर पहुंच गई।

सरकारी रिपोर्ट्स के मुताबिक, साल 2025 के अंत तक बेरोजगारी में 0.3% और 2026 के अंत तक 0.7% की बढ़ोतरी हो सकती है।

गिरती आर्थिक वृद्धि

अमेरिका की GDP ग्रोथ भी धीमी हो रही है।

  • Q2 2025 में सालाना GDP ग्रोथ 3.0% रही, लेकिन यह मुख्य रूप से Q1 में इम्पोर्ट्स के स्टॉकपाइलिंग के बाद आई गिरावट की वजह से था।
  • IMF की रिपोर्ट बताती है कि 2025 में ग्रोथ 1.9% पर आ जाएगी, जो 2024 के 2.8% से कम है, और 2026 में भी यही ट्रेंड जारी रहेगा।

निष्कर्ष

Trump के दावे के बावजूद, “reciprocal tariff” अमेरिकी अर्थव्यवस्था के लिए नुकसानदेह साबित हो रहा है। विशेषज्ञों का कहना है कि बढ़ती महंगाई और धीमी होती अर्थव्यवस्था से निपटने का असली उपाय टैरिफ में बदलाव है, न कि FED की नीतियों में।

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