तिरुमाला में विवाद! TTD ने Bhumana Karunakar Reddy के आरोपों को बताया बेबुनियाद

तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (TTD) ने Bhumana Karunakar Reddy के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि पवित्र भूमि की अदला-बदली भक्तों की भावनाओं और तिरुमाला की पवित्रता को ध्यान में रखकर की गई है।

Suraj Kumar
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तिरुमाला: तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (TTD) ने Bhumana Karunakar Reddy द्वारा लगाए गए आरोपों को सख्ती से खारिज कर दिया है, उन्हें “पूरी तरह गलत और भ्रामक” बताया है।

मामला 24 नवंबर 2021 का है, जब पिछली सरकार के कार्यकाल में पर्यटन विभाग ने अलीपिरी (Alipiri) इलाके में 20 एकड़ भूमि Oberoi Hotel को आवंटित की थी। यह ज़मीन तिरुमाला की पवित्र पहाड़ियों के तलहटी में स्थित है, जिसे हिंदू संगठनों, स्वामिजी और भक्तों ने हमेशा पवित्र माना है। आवंटन की खबर सामने आने के बाद से ही विरोध शुरू हो गया था।

TTD का विरोध और सरकार की प्रतिक्रिया

भक्तों की भावनाओं को देखते हुए, 18 नवंबर 2024 को हुई TTD बोर्ड की बैठक में रिज़ॉल्यूशन नंबर 102 पास किया गया, जिसमें सरकार से अनुशंसा की गई कि यह पवित्र भूमि Oberoi Hotel को न दी जाए और इसे TTD को हस्तांतरित किया जाए।

21 मार्च 2025 को मुख्यमंत्री N Chandrababu Naidu ने तिरुमाला यात्रा के दौरान स्पष्ट कहा कि इस पवित्र क्षेत्र में किसी भी तरह की “अनधिकृत गतिविधि” बर्दाश्त नहीं की जाएगी और तिरुमाला की पवित्रता को हर हाल में सुरक्षित रखा जाएगा।

भूमि अदला-बदली का फैसला

इसके बाद, पर्यटन विभाग ने उत्तर दिशा में स्थित भूमि को TTD को देने पर सहमति जताई और बदले में सड़क के दूसरी तरफ की जमीन मांगी। इस पर, 7 मई 2025 को TTD बोर्ड की बैठक में रिज़ॉल्यूशन नंबर 250 के तहत इस अदला-बदली पर सहमति दी गई।

फिर, 22 जुलाई 2025 को बोर्ड ने रिज़ॉल्यूशन नंबर 385 पास करते हुए दक्षिण दिशा में स्थित TTD की ज़मीन पर्यटन विभाग को सौंपने और उत्तर दिशा की पवित्र भूमि TTD के नाम करने का फैसला पक्का कर दिया।

भविष्य की योजनाएं

TTD ने स्पष्ट किया है कि उत्तर दिशा की पवित्र भूमि का उपयोग भक्तों की सुविधाओं को बढ़ाने और भविष्य की ज़रूरतों को ध्यान में रखते हुए किया जाएगा, जबकि दक्षिण दिशा में कई निर्माण कार्य पहले से ही पूरे हो चुके हैं।

भक्तों की भावनाओं से जुड़ा मुद्दा

TTD का कहना है कि तिरुमाला की पवित्रता और सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए यह फैसला पूरी तरह भक्तों की भावनाओं के अनुरूप लिया गया है, और इस पर बेबुनियाद आरोप लगाना अनुचित है।

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