चंडीगढ़: हरियाणा में Haryana Kaushal Rozgar Nigam (HKRN) के तहत अस्थायी कर्मचारियों की भर्ती पर लग रहे ‘एड-हॉकिज़्म’ के आरोपों पर राज्य सरकार ने सफाई दी है। मुख्य सचिव विवेक जोशी ने हाई कोर्ट में कहा कि इस तरीके से की गई भर्तियां सिर्फ़ एक “स्टॉप-गैप अरेंजमेंट” हैं और इन्हें कभी भी समाप्त किया जा सकता है।
मुख्य सचिव ने अपने जवाब में कहा, “HKRN के तहत जिन स्वीकृत पदों पर भर्ती की गई है, उनमें से ज़्यादातर कॉन्ट्रैक्चुअल नियुक्तियां गैर-स्वीकृत पदों पर की गई हैं। स्वीकृत पदों पर भी ये सिर्फ़ अस्थायी व्यवस्था के तौर पर की गई हैं।
ऑफर लेटर में साफ़ लिखा होता है कि किसी भी समय विभागाध्यक्ष की सिफारिश पर इनकी नियुक्ति रद्द की जा सकती है, अगर उस पद पर कोई नियमित कर्मचारी जॉइन कर ले।”
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि अस्थायी कर्मचारियों की नियुक्ति करते समय यह शर्त रखी गई है कि उन्हें उस विभाग में अपनी सेवाओं के नियमितीकरण का कोई कानूनी अधिकार नहीं होगा, जहां उन्हें तैनात किया गया है।
यह जवाब अधिवक्ता जगबीर मलिक की ओर से दायर की गई एक अवमानना याचिका के जवाब में दिया गया, जिसमें HKRN के ज़रिए बैकडोर एंट्री के ज़रिए भर्ती का आरोप लगाया गया था।
सरकार की दलील है कि नियमित भर्ती प्रक्रिया लंबी और समय लेने वाली होती है, और कई बार यह अदालतों में चुनौती के कारण अटक जाती है। ऐसे में सार्वजनिक कार्यों को जारी रखने के लिए अल्पकालिक कॉन्ट्रैक्ट पर कर्मचारियों की नियुक्ति ज़रूरी हो जाती है।
हालांकि बीजेपी सरकार Haryana Contractual Employees (Security of Service) Bill, 2024 को HKRN कर्मचारियों की सेवा सुरक्षा के बड़े कदम के रूप में पेश कर रही है, लेकिन मुख्य सचिव ने कहा कि यह कानून हाई कोर्ट के निर्देशों के बाद लाया गया था। अदालत के आदेश में यह भी कहा गया है कि 15-20 साल से काम कर रहे अस्थायी कर्मचारियों के नियमितीकरण के लिए ‘डिमिनिशिंग कैडर’ बनाया जाए।
सरकार ने यह भी बताया कि विभिन्न ग्रुप-A, B, C और D पदों के लिए नियमित भर्ती प्रक्रिया लगातार चल रही है। 2024 में HSSC के ज़रिए 56,830 पदों पर भर्ती पूरी की गई, जबकि 11,674 पदों पर भर्ती प्रक्रिया चल रही है।
वहीं, HPSC ने 2,715 पदों के लिए सिफारिशें भेजी हैं और 1,168 पदों के परिणाम घोषित किए जा चुके हैं, लेकिन उनकी सिफारिशें भेजी जानी बाकी हैं। इसके अलावा, 6,329 पदों पर भर्ती की प्रक्रिया HPSC के तहत जारी है।